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समंदर की बाहों में आसमान को सोते हुए देखा है, रास

समंदर की बाहों में आसमान को सोते हुए देखा है,

रास्ते कठिन थे, मुसाफिर को खोते हुए देखा है,

यू देखा है गजब की खुसबू को इन महकते हुए फूलो में

महकते फूल  को हमने अक्सर मुरझाते हुए देखा है,

सुबह सूरज को लाल रौशनी  में उगते हुए देखा है,

शाम को उसी रंग में उसे डूबते हुए देखा है,

हा देखा है तालाबो को हमने सूखते हुए,

फिर बरसात में उसी तालाब को डूबते हुए देखा है,

अजब के रास्ते है मंजिल के, इस जीवन के दौर में,

किसी को मिल गयी मंजिल, तो कोई खो के रोया है,

ये जज्बा जोर से कहते, तू पा ले कूद कर,

फिर खोई जिसकी मंजिल, उसको रोते हुए देखा है,

हा हक तेरा ही था इस पर, पर तू ले नही पाया,

ये गलती है तेरी, तू किसी का दोष न दे इसमे,

सहारे की तू न सोच, तू ही खुद का सहारा है,

जो ढूंढते है सहारा उन्हें अक्सर रोते हुए देखा है,

समंदर की बाहों में आसमान को सोते हुए देखा है,

रास्ते कठिन थे, मुसाफिर को खोते हुए देखा है, 😘😘😘
समंदर की बाहों में आसमान को सोते हुए देखा है,

रास्ते कठिन थे, मुसाफिर को खोते हुए देखा है,

यू देखा है गजब की खुसबू को इन महकते हुए फूलो में

महकते फूल  को हमने अक्सर मुरझाते हुए देखा है,

सुबह सूरज को लाल रौशनी  में उगते हुए देखा है,

शाम को उसी रंग में उसे डूबते हुए देखा है,

हा देखा है तालाबो को हमने सूखते हुए,

फिर बरसात में उसी तालाब को डूबते हुए देखा है,

अजब के रास्ते है मंजिल के, इस जीवन के दौर में,

किसी को मिल गयी मंजिल, तो कोई खो के रोया है,

ये जज्बा जोर से कहते, तू पा ले कूद कर,

फिर खोई जिसकी मंजिल, उसको रोते हुए देखा है,

हा हक तेरा ही था इस पर, पर तू ले नही पाया,

ये गलती है तेरी, तू किसी का दोष न दे इसमे,

सहारे की तू न सोच, तू ही खुद का सहारा है,

जो ढूंढते है सहारा उन्हें अक्सर रोते हुए देखा है,

समंदर की बाहों में आसमान को सोते हुए देखा है,

रास्ते कठिन थे, मुसाफिर को खोते हुए देखा है, 😘😘😘
akhilarya5998

Akhil Arya

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