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. . *डिजिटल उपवास*

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                *डिजिटल उपवास*
                       🤔🤔

      _सवेरे से मित्र को चार पांच बार फोन किया।_
       _लेकिन उसका फोन उठ ही नहीं रहा था।_
      _व्हाट्सएप और फेसबुक पर भी मैसेज किया, लेकिन कोई जवाब नहीं।_
_मुझे चिंता हो गई।आखिर दोपहर बाद रहा नहीं गया।_
       _मैं नजदीक ही रहने वाले मित्र के घर पहुंच गया।देखा तो श्रीमान गार्डन में एक पुस्तक लेकर बैठे हुए थे।_
_मैं जाते ही बरस पड़ा।
        _सुबह से तुम्हें  फोन कर रहा हूं।  मैसेज भी कर रहा हूं। लेकिन तुम्हारा कोई जवाब ही नहीं मिल रहा। क्या बात है? तबीयत तो ठीक है ?
मित्र ठठाकर हंस पड़ा और बोला -_
 _*भाई, मेरा आज उपवास है। इसलिए फोन पर तुमसे बात नहीं कर सका ।
      _मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ। यार उपवास में खाना नहीं खाते हैं, व्रत रखते हैं, लेकिन फोन पर तो बात कर सकते हैं।__उसने हंसते हुए कहा कि आज मेरा *डिजिटल उपवास* है। हफ्ते में एक दिन के लिए मैंने निश्चय किया है कि ना तो किसी से फोन पर बात करूंगा, ना फेसबुक अपडेट करूंगा, न व्हाट्सएप चैट करूंगा, न ही गूगल लिंक या कोई और सोशल साइट ही देखूंगा। इसे मैंने *डिजिटल उपवास* का नाम दिया है।
      _सही कह रहा हूं। आज का दिन मेरा बहुत ही बढ़िया गुजरा। न फोन की घंटी और ना समय की कमी। देख कितने दिन हुए महासमर का पहला खण्ड् पढने की इच्छा थी, आज इसे शुुरू कर सका हूं।
इतने में भाभी चाय बना कर ले आयी बोली भाई साहब, आज तो कमाल हो गया। शाम को हमारा पिक्चर देख कर कुछ खरीददारी करने का विचार है और इनके इस *डिजिटल उपवास* ने मुझे  कितनी खुशी दी है मैं आपको बता नहीं सकती।_
_तब मैंने भी निश्चय किया कि सप्ताह में कम से कम 1 दिन *डिजिटल उपवास* तो मुझे भी करना ही चाहिए। बल्कि मेरी सलाह है हम सबको करना चाहिए ताकि एक दिन तो अपने परिवार को पूरा समय दें।
   *एक दिन परिवार के संग
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                *डिजिटल उपवास*
                       🤔🤔

      _सवेरे से मित्र को चार पांच बार फोन किया।_
       _लेकिन उसका फोन उठ ही नहीं रहा था।_
      _व्हाट्सएप और फेसबुक पर भी मैसेज किया, लेकिन कोई जवाब नहीं।_
_मुझे चिंता हो गई।आखिर दोपहर बाद रहा नहीं गया।_
       _मैं नजदीक ही रहने वाले मित्र के घर पहुंच गया।देखा तो श्रीमान गार्डन में एक पुस्तक लेकर बैठे हुए थे।_
_मैं जाते ही बरस पड़ा।
        _सुबह से तुम्हें  फोन कर रहा हूं।  मैसेज भी कर रहा हूं। लेकिन तुम्हारा कोई जवाब ही नहीं मिल रहा। क्या बात है? तबीयत तो ठीक है ?
मित्र ठठाकर हंस पड़ा और बोला -_
 _*भाई, मेरा आज उपवास है। इसलिए फोन पर तुमसे बात नहीं कर सका ।
      _मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ। यार उपवास में खाना नहीं खाते हैं, व्रत रखते हैं, लेकिन फोन पर तो बात कर सकते हैं।__उसने हंसते हुए कहा कि आज मेरा *डिजिटल उपवास* है। हफ्ते में एक दिन के लिए मैंने निश्चय किया है कि ना तो किसी से फोन पर बात करूंगा, ना फेसबुक अपडेट करूंगा, न व्हाट्सएप चैट करूंगा, न ही गूगल लिंक या कोई और सोशल साइट ही देखूंगा। इसे मैंने *डिजिटल उपवास* का नाम दिया है।
      _सही कह रहा हूं। आज का दिन मेरा बहुत ही बढ़िया गुजरा। न फोन की घंटी और ना समय की कमी। देख कितने दिन हुए महासमर का पहला खण्ड् पढने की इच्छा थी, आज इसे शुुरू कर सका हूं।
इतने में भाभी चाय बना कर ले आयी बोली भाई साहब, आज तो कमाल हो गया। शाम को हमारा पिक्चर देख कर कुछ खरीददारी करने का विचार है और इनके इस *डिजिटल उपवास* ने मुझे  कितनी खुशी दी है मैं आपको बता नहीं सकती।_
_तब मैंने भी निश्चय किया कि सप्ताह में कम से कम 1 दिन *डिजिटल उपवास* तो मुझे भी करना ही चाहिए। बल्कि मेरी सलाह है हम सबको करना चाहिए ताकि एक दिन तो अपने परिवार को पूरा समय दें।
   *एक दिन परिवार के संग