जीवन की इस दौड़ से आने वाले हर थक चुका हूँ मैं हर पल एक जंग की तैयारी होती है रोज उठता हूँ तो कई गमों से यारी होती है, कलम उठाकर लिखने लगता हूँ जज्बात अपने, पढ़ लेता है कोई तो बहुत दुश्वारी होती है, संघर्षों की इस आग में अब पक चुका हूँ मैं, जीवन की इस दौड़ से आने वाले हर मोड़ से थक चुका हूँ मैं, बहुत मुश्किल से दो पल फुर्सत का इंतजाम होता है, करने वाला कोई और है किसी और का नाम होता है, तबाह होते हैं अगर शहर तो शहजादे महफूज होते हैं, कोई बर्बाद होता है तो वो लोग आम होते हैं, भेदभाव की इस दुनिया में अटक चुका हूँ मैं, जीवन की इस दौड़ से आने वाले हर मोड़ से थक चुका हूँ मैं।। #-----------✍ Shubham Garg #Nojoto #Thoughts #Poem #Shayari #Kavishala Instagram i'd 👉 @Shubham.Garg.Kumar.Shukla.2251 Please follow me and support me..