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चलो दिलों की दूरियां मिटाते हैं, संविधान का पाठ ज

चलो दिलों की दूरियां मिटाते हैं, 
संविधान का पाठ जन-जन को पढ़ाते हैं।

हर दिल में मोहब्बत की अलख जगाते हैं 
जात-धर्म का भेद मिटाकर देश प्रेम जगाते हैं।

 ना कोई हिंदू ना मुसलमान, ना सीख ना कोई ईसाई ,
हम सब हैं भारतीय, दुनिया वालों को बताते हैं।

 नफरत के राजनीतिक माहौल में, एक दूसरे को गले लगाते हैं,
चलो 74 वा गणतंत्र दिवस हर्ष, उल्लास के साथ मनाते हैं।।

©Kumar Satyajit
  अपना संविधान।

अपना संविधान। #विचार

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