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हर गम से दूर जहां जीवन होगा। ओ और कुछ नहीं सबका ब

हर गम से दूर जहां जीवन होगा। 
ओ और कुछ नहीं सबका बचपन होगा। 
पल भर में रूठना पल भर में मान जाना। 
खुद ही गुस्सा करना और खुद शर्तें लगाना। 
ओ भी क्या दिन थे और क्या था जमाना। 
क्षण क्षण में खुशियों का मौसम न कोई अड़चन होगा। - ओ और...... 
शाम को पापा का बाजार से कुछ ले आना। 
थोडी सी खुशियों में भी ढेर खुशी का पा जाना। 
बड़ी बहन को दिखा दिखा कर थोडा थोडा ही खाना। 
दिल से गाये दिल से झूमे सच्ची ओ धडकन होगा। - ओ और.............
देव फैजाबादी बचपन 
#bachpan # real love #feeling
हर गम से दूर जहां जीवन होगा। 
ओ और कुछ नहीं सबका बचपन होगा। 
पल भर में रूठना पल भर में मान जाना। 
खुद ही गुस्सा करना और खुद शर्तें लगाना। 
ओ भी क्या दिन थे और क्या था जमाना। 
क्षण क्षण में खुशियों का मौसम न कोई अड़चन होगा। - ओ और...... 
शाम को पापा का बाजार से कुछ ले आना। 
थोडी सी खुशियों में भी ढेर खुशी का पा जाना। 
बड़ी बहन को दिखा दिखा कर थोडा थोडा ही खाना। 
दिल से गाये दिल से झूमे सच्ची ओ धडकन होगा। - ओ और.............
देव फैजाबादी बचपन 
#bachpan # real love #feeling