मेरी ज़िंदगी में नई जान फूंकने के लिए आदाब शुक्रिया धन्यवाद नवाज़िशें! महफूज़ समझते रहे चारदीवारी में खुद को भूल ही गए थे घरदारी में। तुमसे जो राब्ता हुआ नई उमंग नया जोश जगा दिल के ख़यालों और अहसासों का दरिया बहा। कलम का सूरज कभी ढलता नहीं ये वो दोस्त है जो कभी बदलता नहीं। क़ासिद और कातिब का एक अटूट नाता है सच्ची मित्रता इनकी कौन झुठला पाता है। सदा सदा के लिए साथ तुम्हारे रहेंगे सुख दुख के सारे किस्से तुम से कहेंगे। हम भी आज ख़ुश हैं दुआ है यूँ ही आबाद रहे ये बगिया महकती रहे ये चमन सदा शादाब रहे। ♥️ Challenge-674 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ Happy Birthday YQ ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।