कुछ यूं रास्तों में खड़ी है बेबसी नाकामी के झरोखों से झांक रही खुशी मुश्किल हर मोड़ पर रूबरू हो जाती हैं पर ख्वाहिशें है कि दिन पर दिन बढ़ती जाती है जीने के साजो सामान जुटाने में सपनों को अंजाम तक लाने में मुश्किलों की शाम ढलती जाती हैं उम्मीद की रोशनी लेकर नई सुबह फिर आ जाती है @Soumya's Shayari🧡 #Fight #bounce #yougogirl #LightsInHand