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मेरे जाने जिगर जुबान तो मेरे पास भी है पर दिल की

मेरे जाने जिगर जुबान तो मेरे पास भी है 
पर दिल की बात जुबां तक आती नहीं
कलम का सहारा इसलिए लेती हूं 
कि तुम्हें मेरे दिल की बात ना जाने क्यों अब तक समझ  आती नहीं
डरी और सहमी हूं
 पर तुझसे कहने को बेताब भी हूं
इसीलिए कलम को अपना साथी बना अपनी बात तुम्हें 
समझाती हूं
जाने जिगर मेरे  मैं कलम का सहारा ले अपने आप को मजबूत बनाती हूं 
जो बात कहनी थी जुबान से उसे तुझे कलम ✒️ से लिख समझाती  हूं
मेरे जाने जिगर तुझे अपना बनाने को कब से बैठी बेताब मैं 
यह तुम्हें समझाती हूं

©neetu. mann( anita) जाने जिगर........

#PoetInYou
मेरे जाने जिगर जुबान तो मेरे पास भी है 
पर दिल की बात जुबां तक आती नहीं
कलम का सहारा इसलिए लेती हूं 
कि तुम्हें मेरे दिल की बात ना जाने क्यों अब तक समझ  आती नहीं
डरी और सहमी हूं
 पर तुझसे कहने को बेताब भी हूं
इसीलिए कलम को अपना साथी बना अपनी बात तुम्हें 
समझाती हूं
जाने जिगर मेरे  मैं कलम का सहारा ले अपने आप को मजबूत बनाती हूं 
जो बात कहनी थी जुबान से उसे तुझे कलम ✒️ से लिख समझाती  हूं
मेरे जाने जिगर तुझे अपना बनाने को कब से बैठी बेताब मैं 
यह तुम्हें समझाती हूं

©neetu. mann( anita) जाने जिगर........

#PoetInYou

जाने जिगर........ #PoetInYou #कविता