" दिल में एक नहीं हज़ारों ग़म है... हज़ारों ग़म मेरी फितरत नहीं बदल सकते कभीं उठे थे मुझ पर हजारों सबाल.. मगर ये दिल की हसरत नहीं बदल सकते " - Sandeep Rajpoot #Book Sandeep Manohar Kothar sandeep kaur saheli