जिसने मुझको जीवन दिया, उसके लिए मात्र एक दिवस..?? स्याही को ही क्या शब्द मैं दूं सोचे कलम, होकर शांत बेबस भला पानी पे पानी भी लिखता हैं कहीं क्या ???? फिर कैसे गढ़े लेखनी मेरी ममता की तुलना में कोई शब्द रहने दो माफ़ करो मुझसे ना लिखता ममता का कोई एक दिवस मां तेरे खातिर हाजिर हैं जीवन का हर क्षण हर पल हर एक दिवस.. ❤️ #लव_यू_मां ✍️पं. शिवम् शर्मा ख़ुदरंग✍️ रूरा कानपुर देहात ©Cwam Xharma