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मजदूरी को मजबूरी ना समझा जाये, शहर-दर-शहर बसाना हु

मजदूरी को मजबूरी ना समझा जाये,
शहर-दर-शहर बसाना हुनर समझा जाये।

खून पसीने की कमाई को मेहनत समझा जाये,
मजदूर को भी कुदरत की कारीगरी समझा जाये।।।
 #अपना_आकाश😊 #मजदूर ,#कारीगरी
मजदूरी को मजबूरी ना समझा जाये,
शहर-दर-शहर बसाना हुनर समझा जाये।

खून पसीने की कमाई को मेहनत समझा जाये,
मजदूर को भी कुदरत की कारीगरी समझा जाये।।।
 #अपना_आकाश😊 #मजदूर ,#कारीगरी