वक़्त फिसलता रहा रेत सा जाने क्यों साथ नहीं होता। हर एक शै पर बस कहाँ अपना हर इक सपना पूरा नहीं होता। इन मंदिर मस्ज़िद गुरुद्वारों चर्च में भीड़ युहीं नहीं होती । प्रार्थना करते बहुत देखा उसके लिए वह जो पास नहीं होता। हमने जो किया उसका प्रतिफल तो भोगना भुगतना पड़ेगा ही! कर्म के सिद्धांत में क्षमा दया करुणा का कोई स्थान नहीं होता। जब तक सोचते रहोगे कि यह मेरे बस का है मैं कर सकता हूँ। तब तक आप के प्रयासों को रोकने थामने वाला भी नहीं होता। जो करना चाहते हो कर गुज़रो न डरो न ही हिचकिचाओ यहाँ। बस हौसले बुलंद रखोगे तो सुनो, हिम्मत से बड़ा कोई मददग़ार नहीं होता। #cinemagraph