सोचती हूं कुछ पल की मिली इस जिंदगी में सबको माफ कर दूं। पर यह भी अक्सर सोंचती हूं,मन की भड़ास उनपे निकाल दिल को भी अपने साफ़ कर दूं।। जाने कब खुशकिस्मत बनूंगी।।