दोस्ती accept कर ही ली मैने.. फिर सुबह शाम बात होने लगी msg का इंतजार रहने लगा इंतजार भी इतनी हद तक की online ही बैठे रहते यू लगा जैसे उनके इंतजार के अलावा कोई काम ही न रहा इंतजार भी खत्म होता कैसे हो क्या किये दिन में क्या खाया कहा गए दिल की धड़कन तेज जुबान जैसे लफ्ज़ो का साथ ही नही दे पाता और बात खत्म हो जाती।। फिर वही इंतजार... Sadhna Som..... Story...Part 4