निरपेक्ष समर्पण क्रिया में लिप्त भीरु औ' आक्रांत मन को निश्चल प्रेम छींटों से शीतल कर जीवनपथ के दुर्गम रस्तों पर गतिशील रहने की प्रेरणा दे ओझल हो आडंबर से ढाल बनकर जीते हैं हाँ बाक़ी हैं कृष्ण सुदामा सी "मित्रताएँ" आज भी ऐसा ही है कुछ ये साथ🍁 #yqbaba #yqdidi #yqhindi #hindiquotes #yqdidihindi #hindipoetry #कृष्णा_सुदामा #pc_google Amit Mishra याद करने के लिए शुक्रिया मिश्रा जी 🙂🙂