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प्रेम ने वैराग्य से भरे शिव को भी, त्रास दिया और क

प्रेम ने वैराग्य से भरे शिव को भी,
त्रास दिया और करवा दिया,भयंकर नृत्य वियोग का 
मै और तुम तो फिर भी मनुष्य है 
मेरा प्रेम, मेरी सत्यता,मेरा स्नेह सदैव तुम्हारे प्रतीक्षारत रहेंगे
तुम्हारा निर्णय सर्वोपरि है,रहेगा भी,किन्तु तुम्हारे निर्णय का प्रभाव 
मेरे हृदय पर मेरे प्रेम पर नहीं पड़ सकेगा कभी
हिमालय की विराट और अनंत शिक्षाओं सा अटल प्रेम किया है मैंने,तुम से
प्रेम ने उन से भी कैलाश छुड़वा दिया था जिन से बड़ा वैरागी सृष्टि में नहीं
मेरे प्रेम में यदि लेश मात्र भी सत्यता होगी 
तुम्हें अपना मौन छोड़ मेरी ओर बढ़ना ही होगा
ऐसा कोई हठ नहीं है,मुझे अपितु अपने प्रेम पर विश्वास हैं 
और विश्वास हैं तुम पर तुम्हारे मौन में छिपा प्रेम पढ़ा है,मैने
तुम्हारी दृष्टि में अपने लिए चिंता भी देखी है देखा हैं तुम्हें मेरी प्रतिक्षा में 
और ये सब मिथ्या नहीं हो सकता 
तुम अनिश्चितता से निवृत्त होने तक निश्चिंत रहो 
मै और मेरा प्रेम सदैव से तुम्हारे थे तुम्हारे हैं
आने वाले हर युग में तुम्हारे ही रहेंगे 
प्रथम दृष्टि में ही मान लिया था मैने हमारे पन्ने एक साथ जुड़ेंगे 
तुम्हारी प्रतीक्षा में कई जन्म बीते हैं कई बीत भी सकते हैं 
मेरे प्रेम को सम्मान ही तब प्राप्त होगा 
जब मेरे शिव मेरी ओर स्वयं आयेंगे और मुझे विश्वास है
आएंगे...

©ashita pandey  बेबाक़ #Thinking  लव स्टोरी लव शायरी हिंदी में
प्रेम ने वैराग्य से भरे शिव को भी,
त्रास दिया और करवा दिया,भयंकर नृत्य वियोग का 
मै और तुम तो फिर भी मनुष्य है 
मेरा प्रेम, मेरी सत्यता,मेरा स्नेह सदैव तुम्हारे प्रतीक्षारत रहेंगे
तुम्हारा निर्णय सर्वोपरि है,रहेगा भी,किन्तु तुम्हारे निर्णय का प्रभाव 
मेरे हृदय पर मेरे प्रेम पर नहीं पड़ सकेगा कभी
हिमालय की विराट और अनंत शिक्षाओं सा अटल प्रेम किया है मैंने,तुम से
प्रेम ने उन से भी कैलाश छुड़वा दिया था जिन से बड़ा वैरागी सृष्टि में नहीं
मेरे प्रेम में यदि लेश मात्र भी सत्यता होगी 
तुम्हें अपना मौन छोड़ मेरी ओर बढ़ना ही होगा
ऐसा कोई हठ नहीं है,मुझे अपितु अपने प्रेम पर विश्वास हैं 
और विश्वास हैं तुम पर तुम्हारे मौन में छिपा प्रेम पढ़ा है,मैने
तुम्हारी दृष्टि में अपने लिए चिंता भी देखी है देखा हैं तुम्हें मेरी प्रतिक्षा में 
और ये सब मिथ्या नहीं हो सकता 
तुम अनिश्चितता से निवृत्त होने तक निश्चिंत रहो 
मै और मेरा प्रेम सदैव से तुम्हारे थे तुम्हारे हैं
आने वाले हर युग में तुम्हारे ही रहेंगे 
प्रथम दृष्टि में ही मान लिया था मैने हमारे पन्ने एक साथ जुड़ेंगे 
तुम्हारी प्रतीक्षा में कई जन्म बीते हैं कई बीत भी सकते हैं 
मेरे प्रेम को सम्मान ही तब प्राप्त होगा 
जब मेरे शिव मेरी ओर स्वयं आयेंगे और मुझे विश्वास है
आएंगे...

©ashita pandey  बेबाक़ #Thinking  लव स्टोरी लव शायरी हिंदी में