Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे इंतजार की। तुम्हारे याद में खोए मेरी आंखों से

मेरे इंतजार की।
तुम्हारे याद में खोए मेरी आंखों से रिसता हुआ भूरे दर्द को,
कभी अपने भूरेपन में छुपा लेता वह,
और कभी तुम्हारे आने की एक सरसरी सी आश भी अगर जाग उठा तो,
अपने नीला रंग मे से 
मेरे आंखों में कुछ सपने भेज देता है वह।
इसलिए, अगर कभी मेरे खोंज में निकलो,
और कहीं मैं न मिलूं तुम्हे तो,
थोड़ा आंख उठाकर आसमान में देख लेना, 
बादलों के रूई से कहीं आसमानी पट पर,
चित्र बनाती शायद नज़र आ जाऊं मैं। आसमान गवाह है
मेरे इंतजार की।
तुम्हारे याद में खोए मेरी आंखों से रिसता हुआ भूरे दर्द को,
कभी अपने भूरेपन में छुपा लेता वह,
और कभी तुम्हारे आने की एक सरसरी सी आश भी अगर जाग उठा तो,
अपने नीला रंग मे से 
मेरे आंखों में कुछ सपने भेज देता है वह।
इसलिए, अगर कभी मेरे खोंज में निकलो,
मेरे इंतजार की।
तुम्हारे याद में खोए मेरी आंखों से रिसता हुआ भूरे दर्द को,
कभी अपने भूरेपन में छुपा लेता वह,
और कभी तुम्हारे आने की एक सरसरी सी आश भी अगर जाग उठा तो,
अपने नीला रंग मे से 
मेरे आंखों में कुछ सपने भेज देता है वह।
इसलिए, अगर कभी मेरे खोंज में निकलो,
और कहीं मैं न मिलूं तुम्हे तो,
थोड़ा आंख उठाकर आसमान में देख लेना, 
बादलों के रूई से कहीं आसमानी पट पर,
चित्र बनाती शायद नज़र आ जाऊं मैं। आसमान गवाह है
मेरे इंतजार की।
तुम्हारे याद में खोए मेरी आंखों से रिसता हुआ भूरे दर्द को,
कभी अपने भूरेपन में छुपा लेता वह,
और कभी तुम्हारे आने की एक सरसरी सी आश भी अगर जाग उठा तो,
अपने नीला रंग मे से 
मेरे आंखों में कुछ सपने भेज देता है वह।
इसलिए, अगर कभी मेरे खोंज में निकलो,

आसमान गवाह है मेरे इंतजार की। तुम्हारे याद में खोए मेरी आंखों से रिसता हुआ भूरे दर्द को, कभी अपने भूरेपन में छुपा लेता वह, और कभी तुम्हारे आने की एक सरसरी सी आश भी अगर जाग उठा तो, अपने नीला रंग मे से मेरे आंखों में कुछ सपने भेज देता है वह। इसलिए, अगर कभी मेरे खोंज में निकलो,