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"एक तरफ इंसानों में हाहाकार दूजा प्रकृति का निर्म

"एक तरफ इंसानों में हाहाकार 
दूजा प्रकृति का निर्मल आकार"

आत्मचिंतन हेतु
 करता हैं... मजबूर..?? 

क्यों न ...???
सप्ताह में एक दिन 
माह में चार दिन 
साल में पचास दिन का
"लाकडाउन" होता !!!!
,समयानुकूल
ऋतुएँ...साथ ही 
निस्वार्थ प्रेम दे पाती ।

और माँ की भांति
सदैव बच्चों के साथ 
न्याय कर पाती ।
 
क्योंकि  ..
है बंधन में स्वयं 'प्रकृति' 
उसे जो अर्पित करेगें
वही हमें समर्पित होगा। 

     #अंशिवा#
"एक तरफ इंसानों में हाहाकार 
दूजा प्रकृति का निर्मल आकार"

आत्मचिंतन हेतु
 करता हैं... मजबूर..?? 

क्यों न ...???
सप्ताह में एक दिन 
माह में चार दिन 
साल में पचास दिन का
"लाकडाउन" होता !!!!
,समयानुकूल
ऋतुएँ...साथ ही 
निस्वार्थ प्रेम दे पाती ।

और माँ की भांति
सदैव बच्चों के साथ 
न्याय कर पाती ।
 
क्योंकि  ..
है बंधन में स्वयं 'प्रकृति' 
उसे जो अर्पित करेगें
वही हमें समर्पित होगा। 

     #अंशिवा#
manjulakaurav4315

Anshiva

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