अरे बेचते हैं यहाँ सब सरेआम बेचते हैं हम इंसान ही इंसान का ईमान बेचते हैं लगती है बोलियां सरेबाजार हम सबकी कौड़ियो में बेशकीमती सम्मान बेचते हैं बिकती यहाँ मीडिया ऊंचे ऊंचे दामों पर समाचार से जियादा ये सामान बेचते है खरीदी जाती जिंदगानियाँ दर दर पे यहाँ इज्जतदार इज्जत से होके हराम बेचते हैं ठेकेदार बने फिरते अल्लाह के ये नेक बंदे मस्जिद में खुद खुदा की ये अजान बेचते हैं पुजारी मंदिर में चलाते हैं भय का व्यापार और डरा डरा के भक्तों को भगवान बेचते हैं कौन पूछे यहाँ सवाल कौन खोजे भला सत्य यहाँ जवाब खुद सवाल की पहचान बेचते हैं #चौबेजी बेचते हैं #चौबेजी #नज़्म #नोजोटो #nojoto #nojotohindi #poem #nojotopoetry