Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी उम्मीद को देखा है, मेरी मां की मुस्कुराहट मेरी

कभी उम्मीद को देखा है,
मेरी मां की मुस्कुराहट मेरी उम्मीद।।


कभी हज़र से पांव में ठोकर लगी है और दर्द हुआ है,
जब भी पापा की बात नहीं मानी है ना कुछ ऐसा ही एहसास हुआ है।।

कभी उन सूखे दरख़्त को गौर से देखा है,
ना जाने कितनी यादें अपने भीतर समेटे है वो।।

कभी सुबह के किरणों को गौर से देखना और महसूस करना,
जिंदगी बहुत गुलज़ार लगेगी।।।।

©Deepti Srivastava #snowfall #Quotes
कभी उम्मीद को देखा है,
मेरी मां की मुस्कुराहट मेरी उम्मीद।।


कभी हज़र से पांव में ठोकर लगी है और दर्द हुआ है,
जब भी पापा की बात नहीं मानी है ना कुछ ऐसा ही एहसास हुआ है।।

कभी उन सूखे दरख़्त को गौर से देखा है,
ना जाने कितनी यादें अपने भीतर समेटे है वो।।

कभी सुबह के किरणों को गौर से देखना और महसूस करना,
जिंदगी बहुत गुलज़ार लगेगी।।।।

©Deepti Srivastava #snowfall #Quotes