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भादो माह की पूर्णिमा को। कासन गाँव में लगा था मेला

भादो माह की पूर्णिमा को।
कासन गाँव में लगा था मेला।
मेला देखने गये थे हम सब।
घर को अपने छोड़ अकेला।
मेले में भीड़ बहुत थी।
लोग आये बहुत ही सारे थे।
ऊँचे ऊँचे झूले थे वहाँ।
जो लगते बड़े ही प्यारे थे।
चाट पापड़ी के ठेले थे।
जो जम कर हम ने खाई थी।
जा कर के तालाब में फिर।
डुबकी हम ने लगाई थी।
मेले का ये दृश्य प्यारा।
सब को बहुत ही भाता है।
इसी लिए तो हर एक बच्चा।
मेला देखने जाता है।
ताहिर।।। #मेला
भादो माह की पूर्णिमा को।
कासन गाँव में लगा था मेला।
मेला देखने गये थे हम सब।
घर को अपने छोड़ अकेला।
मेले में भीड़ बहुत थी।
लोग आये बहुत ही सारे थे।
ऊँचे ऊँचे झूले थे वहाँ।
जो लगते बड़े ही प्यारे थे।
चाट पापड़ी के ठेले थे।
जो जम कर हम ने खाई थी।
जा कर के तालाब में फिर।
डुबकी हम ने लगाई थी।
मेले का ये दृश्य प्यारा।
सब को बहुत ही भाता है।
इसी लिए तो हर एक बच्चा।
मेला देखने जाता है।
ताहिर।।। #मेला