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फुलो की तरह ओ भी खिला करती थी , रोज बाते किया करती

फुलो की तरह ओ भी खिला करती थी ,
रोज बाते किया करती थी ,
न जाने क्या हुआ ,हमे भी खबर न हुई,
उस दिन वो नजर झुकाये चली गई ।
किया जब हमने कॉल तो वो व्यस्त थी,
हमे छोड़के किसी ओर के साथ मुस्कुराके बात कर रही थी। #Pritesh Singh
फुलो की तरह ओ भी खिला करती थी ,
रोज बाते किया करती थी ,
न जाने क्या हुआ ,हमे भी खबर न हुई,
उस दिन वो नजर झुकाये चली गई ।
किया जब हमने कॉल तो वो व्यस्त थी,
हमे छोड़के किसी ओर के साथ मुस्कुराके बात कर रही थी। #Pritesh Singh