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"उड़न-डस्टर" 😂 (अनुशीर्षक में पढ़ें 👇👇) य

"उड़न-डस्टर" 😂
       (अनुशीर्षक में पढ़ें 👇👇) ये वो समय था जब मैं अपनी 10वीं  कक्षा में थी, पढ़ाई के साथ साथ मस्ती भी भरपूर ही होती थी।
5 लेक्चर्स के बाद एक ब्रेक मिलता था जिसमें खाना खाते और खेलते थे, और उस ब्रेक के बाद का अगला लेक्चर गणित (mathematics) का होता था।
बस ब्रेक ऑफ होने की घंटी (bell) बजते ही अफरा तफरी मच जाती। ब्रेक के टाइम में मस्ती इतनी करते की जूतों के निशान बेंचों पर होते फ़िर ब्रेक के खत्म होने पर जल्दी जल्दी से बेंचों को साफ करके उन पर बैठते। 
Class में एक तरफ लड़कियां बैठती और दूसरी तरफ लड़के, और लड़कियों वाली साइड में पहली बेंच मेरी परमानेंट शीट थी, जिस पर मैं आज भी बैठी थी। लेकिन आज मेरे साथ मेरी बेस्टी (उमा ) बैठी भी थी जिसके हाथ में फिलहाल डस्टर था.... 
ये मजेदार कहानी अब यहां से शुरू होती है।😄
  साइड में लडकों की बेंच पर पहली बेंच पर देवेश बैठा, दूसरी पर राहुल और उसके पीछे नितिन और बाकी उनके साइड में और पीछे थे।
(अब तक रूम में हमारे गणित के अध्यापक भी आ चुके थे, "जितेंद्र सर")
    नितिन और राहुल ने उमा से  "डस्टर " मांगा,  जबकि उमा खुद अपनी बेंच साफ कर रही थी, की इतने में वो दोनों कई बार डस्टर के लिए उमा से बोल देते हैं। अब तक वो उनके लगातार डस्टर मांगने से काफी frustate हो चुकी थी, डस्टर देते समय दिमाग में उल्टा सीधा फितूर आया, की काश इनमें से किसी को डस्टर लग जाए😅 लेकिन उनका भला भी सोचा कि बस उनका सिर बच जाए, और बस सोचते हुए डस्टर को अपनी पूरी ताकत के साथ फेंका, डस्टर लकड़ी का ही था जिस पर उपर एक फॉम सा था।
"उड़न-डस्टर" 😂
       (अनुशीर्षक में पढ़ें 👇👇) ये वो समय था जब मैं अपनी 10वीं  कक्षा में थी, पढ़ाई के साथ साथ मस्ती भी भरपूर ही होती थी।
5 लेक्चर्स के बाद एक ब्रेक मिलता था जिसमें खाना खाते और खेलते थे, और उस ब्रेक के बाद का अगला लेक्चर गणित (mathematics) का होता था।
बस ब्रेक ऑफ होने की घंटी (bell) बजते ही अफरा तफरी मच जाती। ब्रेक के टाइम में मस्ती इतनी करते की जूतों के निशान बेंचों पर होते फ़िर ब्रेक के खत्म होने पर जल्दी जल्दी से बेंचों को साफ करके उन पर बैठते। 
Class में एक तरफ लड़कियां बैठती और दूसरी तरफ लड़के, और लड़कियों वाली साइड में पहली बेंच मेरी परमानेंट शीट थी, जिस पर मैं आज भी बैठी थी। लेकिन आज मेरे साथ मेरी बेस्टी (उमा ) बैठी भी थी जिसके हाथ में फिलहाल डस्टर था.... 
ये मजेदार कहानी अब यहां से शुरू होती है।😄
  साइड में लडकों की बेंच पर पहली बेंच पर देवेश बैठा, दूसरी पर राहुल और उसके पीछे नितिन और बाकी उनके साइड में और पीछे थे।
(अब तक रूम में हमारे गणित के अध्यापक भी आ चुके थे, "जितेंद्र सर")
    नितिन और राहुल ने उमा से  "डस्टर " मांगा,  जबकि उमा खुद अपनी बेंच साफ कर रही थी, की इतने में वो दोनों कई बार डस्टर के लिए उमा से बोल देते हैं। अब तक वो उनके लगातार डस्टर मांगने से काफी frustate हो चुकी थी, डस्टर देते समय दिमाग में उल्टा सीधा फितूर आया, की काश इनमें से किसी को डस्टर लग जाए😅 लेकिन उनका भला भी सोचा कि बस उनका सिर बच जाए, और बस सोचते हुए डस्टर को अपनी पूरी ताकत के साथ फेंका, डस्टर लकड़ी का ही था जिस पर उपर एक फॉम सा था।