#तन्हाई की नज़्म# रात में तन्हाई की नज़्म गुनगुनाती... फ़ीकी सी मुस्कान नाउम्मीदी में भी आती.. किस को अपना कहें ये दिल किस को पराया समझे दिल बात तो इतनी.. हम के साज़ में हम के साथ में हम के बात में.. हम के एहसास में खामोशी के साथ.. तुम में खो जाती है.. वो इश्क़..!! #मेरी रुह@ #तन्हाई की नज़्म# रात में तन्हाई की नज़्म गुनगुनाती... फ़ीकी सी मुस्कान नाउम्मीदी में भी आती.. किस को अपना कहें ये दिल