तू हुस्न से लबरेज़ इक किताब है। निग़ाहें कातिल दहकता शवाब है। तू तो खुद इश्क में डूबी ग़ज़ल है। तुझे क्या दूँ, तू महकता गुलाब है। ©Chitra Chakraborty #Flower #happy rose day लव शायरी