वो साथ मिले तो कटिंग चाई पीया करते है घूंट दो घूंट आजादी के जिया करते है "बढ़िया अदरख वाली पिलाओ...भैया" देखो बंदर भी अदरख का स्वाद लिया करते है आधा बिस्कुट,आधी फिक्र डुबा के चाई में, भूल के गर्दिश,आजाद परिंदे उड़ा करते है दबी खामोशियों को खुदा हाफ़िज़ किया करते है वो साथ मिले तो कटिंग काई पीया करते है #कटिंगचाई part-2