मैं कोई चाबी का छल्ला नहीं (अनुशीर्षक में पढ़ें) मैं कोई चाबी का छल्ला नहीं मैं कोई चाबी का छल्ला नहीं, जिसे करो इस्तेमाल तुम और फ़िर फेंक दो मैं हूँ इक जीता जागता इंसान, मेरी भावनाओं को तुम कुछ तो अहमियत दो तुम्हारे दिल की चाबी को,