Nojoto: Largest Storytelling Platform

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥


भावार्थ: 
शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में,
अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में,
सकल विश्व में अवचेतन में! 
शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन, नगर, ग्राम और भवन में 
जीवमात्र के तन, मन और जगत के हो कण कण में,
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥




🙏🙏🙏

©Tara Chandra Kandpal #शान्ति
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥


भावार्थ: 
शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में,
अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में,
सकल विश्व में अवचेतन में! 
शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन, नगर, ग्राम और भवन में 
जीवमात्र के तन, मन और जगत के हो कण कण में,
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥




🙏🙏🙏

©Tara Chandra Kandpal #शान्ति
tarachandrakandp6970

Tara Chandra

Bronze Star
New Creator