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मिलकर आपसे आई बहारें दिल में छाई हैं, उदासी थी जो

मिलकर आपसे आई बहारें दिल में छाई हैं,
उदासी थी जो राहों पे आज खुद मुस्कुराई है।

कभी हम राह को देखें,कि दिल की चाह को देखें,
नज़र में जो बसी नजरें तड़पती आह को देखें,
तेरे अहसास की खुशबू हवाएँ साथ लाई हैं।

युगों से तड़प है दिल में, ये दिल है कैसी मुश्किल में,
जाम कितने ही छलके हों हम हैं तन्हा महफ़िल में,
कहीं कोई बात तो छेड़े तेरी ही बात आई है।

बरसती बू्ँदों की राहत, ये तुझसे मिलने की चाहत,
ये वादा झूठा न करना ये दिल हो जाए न आहत,
सितारे झिलमिलाते हैं रात भी यूँ लजाई है।

चमकती कानों की बाली, दमकती होंठों की लाली,
पैर  उठते  हैं  इठलाते  हुई  है  चाल  मतवाली,
रूप मेरा यूँ निखरा है नज़र भी यूँ शरमाई है।

मिलकर आपसे आई बहारें दिल में छाई हैं,
उदासी थी जो राहों पे आज खुद मुस्कुराई है।

©Rishnit❤️ #मिलकरआपसे  
#Nojotowriters 

Pramodini Mohapatra Swati Tyagi NIKHAT نکہت خان   Anshu writer
मिलकर आपसे आई बहारें दिल में छाई हैं,
उदासी थी जो राहों पे आज खुद मुस्कुराई है।

कभी हम राह को देखें,कि दिल की चाह को देखें,
नज़र में जो बसी नजरें तड़पती आह को देखें,
तेरे अहसास की खुशबू हवाएँ साथ लाई हैं।

युगों से तड़प है दिल में, ये दिल है कैसी मुश्किल में,
जाम कितने ही छलके हों हम हैं तन्हा महफ़िल में,
कहीं कोई बात तो छेड़े तेरी ही बात आई है।

बरसती बू्ँदों की राहत, ये तुझसे मिलने की चाहत,
ये वादा झूठा न करना ये दिल हो जाए न आहत,
सितारे झिलमिलाते हैं रात भी यूँ लजाई है।

चमकती कानों की बाली, दमकती होंठों की लाली,
पैर  उठते  हैं  इठलाते  हुई  है  चाल  मतवाली,
रूप मेरा यूँ निखरा है नज़र भी यूँ शरमाई है।

मिलकर आपसे आई बहारें दिल में छाई हैं,
उदासी थी जो राहों पे आज खुद मुस्कुराई है।

©Rishnit❤️ #मिलकरआपसे  
#Nojotowriters 

Pramodini Mohapatra Swati Tyagi NIKHAT نکہت خان   Anshu writer