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पल पल खूद को ढ़ूँढ़ता अपने हीं वजूद में। साया हीं

पल पल खूद को ढ़ूँढ़ता अपने हीं वजूद में। 
साया हीं पहचान है सूरते हर नूर में। । Mamta Kumari Madhavi Choudhary
पल पल खूद को ढ़ूँढ़ता अपने हीं वजूद में। 
साया हीं पहचान है सूरते हर नूर में। । Mamta Kumari Madhavi Choudhary