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विषय :- कुछ पल का साथ (01-10-2021) ***************

विषय :- कुछ पल का साथ (01-10-2021)
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कुछ पल का साथ तुम्हारा, इस दिल को इतना भा गया।
दूरियाँ थी दोनों के दरमियाँ, फिर भी दिल तुमपे आ गया।

महसूस किया हमने सब कुछ, जो अहसास तू जगा गया।
बनकर साँसें मेरी ज़िंदगी की, तू धड़कन में यूँ समा गया।

तुझ संग बिताए हर लम्हों में, जिंदगी बस मुस्कुराती रही।
ज़िन्दगी जीने का नया तरीका, तू मुझको ही सिखा गया।

लफ़्ज़ों में जो बयाँ न किया, तेरी नज़रों से मैंने पढ़ लिया।
कितनी कशिश थी तेरी आँखों में, क्या जादू दिखा गया।

अल्फ़ाज़ों की सुंदर माला, तेरे होंठों से सुनना चाहते थे।
तेरी बोली की मिठास ने, मेरे दिल को ही पिघला गया। विषय :- कुछ पल का साथ (01-10-2021)

कुछ पल का साथ तुम्हारा, इस दिल को इतना भा गया।
दूरियाँ थी दोनों के दरमियाँ, फिर भी दिल तुमपे आ गया।

महसूस किया हमने सब कुछ, जो अहसास तू जगा गया।
बनकर साँसें मेरी ज़िंदगी की, तू धड़कन में यूँ समा गया।
विषय :- कुछ पल का साथ (01-10-2021)
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कुछ पल का साथ तुम्हारा, इस दिल को इतना भा गया।
दूरियाँ थी दोनों के दरमियाँ, फिर भी दिल तुमपे आ गया।

महसूस किया हमने सब कुछ, जो अहसास तू जगा गया।
बनकर साँसें मेरी ज़िंदगी की, तू धड़कन में यूँ समा गया।

तुझ संग बिताए हर लम्हों में, जिंदगी बस मुस्कुराती रही।
ज़िन्दगी जीने का नया तरीका, तू मुझको ही सिखा गया।

लफ़्ज़ों में जो बयाँ न किया, तेरी नज़रों से मैंने पढ़ लिया।
कितनी कशिश थी तेरी आँखों में, क्या जादू दिखा गया।

अल्फ़ाज़ों की सुंदर माला, तेरे होंठों से सुनना चाहते थे।
तेरी बोली की मिठास ने, मेरे दिल को ही पिघला गया। विषय :- कुछ पल का साथ (01-10-2021)

कुछ पल का साथ तुम्हारा, इस दिल को इतना भा गया।
दूरियाँ थी दोनों के दरमियाँ, फिर भी दिल तुमपे आ गया।

महसूस किया हमने सब कुछ, जो अहसास तू जगा गया।
बनकर साँसें मेरी ज़िंदगी की, तू धड़कन में यूँ समा गया।