झ्क सपना बहुत सताता है जब देखती हूँ सपने में बिखरते हुए मेरे सपनों को कि जैसे जकड़ा हो बेडियों में मेरे पंखो को कहा हो उड़ नही तू पाएगी झ्क सपना बहुत सताता है कि जैसे बिखरे थे सभी कागज़ और कलम मेरे कहा हो पढ़ नही तू पाएगी इक सपना बहुत सताता है फिर आँख खुलती है तो सामने मुस्कुरातें हैं पापा कि जैसे कहते हों तेरे सपनों को पंख मैं दूंगा पढेगी लिखेगी खिलेगी खिलखिलाएगी लाडली मेरी फिर बुरा सपना मैं भूल जाती हूँ पापा के संग खिलखिलाती हूँ... इक सपना बहुत सताता है... #सपनासताताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi