एक चेहरे पर पहने यहाँ नकाब हज़ार है...., पीठ पीछे बात करने वालो की भी, क्या खूब बहार है। मुंह पर बने दोस्त ऐसे, "माही" के हज़ार है.... ऐसो को दोस्त कहकर अपनी ही नज़रों में, हम गिरे बार-बार है। एक चेहरे पर पहने यहाँ नकाब हज़ार है...., "तेरी कसम सच कह रहा हूं".....ये ही सुनकर हम टूटे कई बार है..., पर दोस्त है मेरे यही सोचकर, इन पर जान भी निसार है, फिर भी ईनके तो चेहरे हज़ार है। एक चेहरे पर पहने यहाँ नकाब हज़ार है....।। #jokar