मेरे मोहन मोहन गिरिधारी...!2! लेलो शरण में तुम्हारी...!2! गिनती बिनती जब छोड़ी, और विश्वास किया है , तुमने अपने होने का तब एहसास दिया है, कब कैसे और क्या का, डर भी तोड़ दिया है , जो जैसे जब सब अब, तुम पर छोड़ दिया है, इस जीवन में खुश रहने का ये राज समझते हैं, तुम्हें मानते है अपना और आज समझते हैं ॥ मेरे मोहन मोहन गिरिधारी...!2! लेलो शरण में तुम्हारी...!2! #harekrishnaharerama #harekrishna #krishna