ग़ैरत बनगए.... "किसी की हसरत ना पूरी कर पाए, तो ग़ैरत बनगए। दिखते तो है हम अब भी सब को (BaG) बाजी, मगर अब हम किसी के हसरत तो दूर, किसी के जरूरत तक ना रह गए।।"