अपनी जाति, अपना वेश, अपनी भाषा, अपना देश।। धर्म अपना, मंदिर अपना, मज़हब अपना, मस्जिद अपनी।। अब तो वसुधा अपनी, है अपना कुटुम्ब, विलुप्त हो गया अब *वसुधैव कुटुम्ब* ।। ©Gaurav Satyarthi #harmony #peace #love