गुलाब सी महक में ज़रा हम भी इठला लिया करते तुम जब अपने आने का जिक्र इन हवाओं से करते पुरानी यादें, वादे और खतों को कभी सहलाया करो शहरों में अक्सर लोग इनकी मशाल की आस पर प्रेम किए जा रहे हैं!!— % & Muskura kar dekhiye janab, ek gulab aapke chehre par bhi khila hai!!🌹 As it's #roseday #k_shayari