आज इन नादान आंखो नीदे कुछ ऐसे समा रही है जैसे लगता सज संवर के सपनों में मिलने आ रही है आज इन नादान आंखो नीदे कुछ ऐसे समा रही है जैसे लगता सज संवर के सपनों में मिलने आ रही है