दूसरा बगुला या बकासुर ,दम्भ का प्रतीक
एक पैर पर खड़ा लगेगा तप कर रहा है,जनसामान्य में" बगुला भगत" कहते हैं ढोंगी लोगों को ,पाखंड का प्रतीक है यह।
अभी साल दो साल बीता , और दम्भ के कारण आगे का रास्ता नही चलते,अपने आप को बहुत बड़े ज्ञानी और सिद्ध समझ प्रवचन करना और दुसरों से श्रेष्ठ समझना शुरू कर देते हैं। जहाँ बनावट ,दिखावट है वहां गिरावट है।
शबरी माता को नवधा भक्ति का उपदेश करते हुए श्रीरामजी कहते हैं,
नवम सरल सब सन छलहीना।
मम भरोस हियँ हरष न दीना।।
अर्थात,नौवीं भक्ति है छल कपट का मार्ग छोड़ दूर #विचार