जब मन करने लगे शरीर त्यागने का विचार होने लगे ऐसा जीवन सँसार में निराधार सुन लेना कोई संगीत मधुर स्वर में लगा लेना मुझे अपने होंठों से तब फूंक देना मुझमें जीवन अपने कंठ से जान पाओगे तब तुम इस सत्य को कि बाँसुरी का जीवन भी अधूरा है तुम्हारे कंठ के संगीत के बिना (शेष अनुशीर्षक में) जब मन करने लगे शरीर त्यागने का विचार होने लगे ऐसा जीवन सँसार में निराधार सुन लेना कोई संगीत मधुर स्वर में लगा लेना मुझे अपने होंठों से तब फूंक देना मुझमें जीवन अपने कंठ से जान पाओगे तब तुम इस सत्य को कि बाँसुरी का जीवन भी अधूरा है