बेवजह तो कुछ नहीं इस जिंदगी में बस जीने की वजह तलाश करते हैं। बेवजह के इल्ज़ाम का असर ये हो रहा है जो इंसान अच्छा था वो भी गुनाह कर रहा है। बेवजह ही तुमसे मिलने की बहाना ढूंढते थे तुम्हें चाहने की वजह बेवजह ढूंढते थे। कुछ तो मैंने बर्दास्त किया होगा मैंने जिंदगी में ख़ामोशी बेवजह तो नहीं होगी। खामोशियाँ बेवजह नहीं मिली प्यार के धोखे से कुछ दर्द जिंदगी के आवाज छीन लेते हैं। यूंही बेचैन हम किसी बात से बेवजह नहीं होते सुकून पा लेते हैं जब आप हमारी खैरियत पूछ लेते। ♥️ Challenge-651 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।