तुमको शायद याद नहीं। सुधरे है हम बर्बाद नहीं।। मै जो कुछ हूं, तेरे साथ हूं। कुछ भी तो तेरे बाद नहीं।। कांटा समझती हो कांटा ही सही। देखो गुलाब आस-पास नहीं?? समझती हो फूल तो उठा लेना। सजाना अपने बालों के पास कहीं।। अब मत छुओ मेरे दिल की दीवारों को। इनमे अब जरा भी आस नहीं।। क्या करोगी मेरा हाल जानकर। बस इतना जानो, मुझमें अब वो उन्माद नहीं।। चुप चुप सा हो गया हूं। अब मुझमें वो उल्लास नहीं।। अब तो मै तुमको अपना बना भी न सकता। मेरे दिल में अब वो विश्वास नहीं।। चले जाओ मुझसे दूर सब। मुझे जरूरत-ए-तादाद नहीं।। मरता हूं तो मर जाने दो। न रहो मेरे पास कहीं।। Coming back