यूँ तो मेरी इक बद्दुआ नस्लें बर्बाद कर दे तेरी पूर्खों ने कहा है मगर, मोहब्बत में मरते हैं लोग, मारते नहीं... ©Suman Zaniyan #फिराक_ए_यार