आओ क़रीब तुम नूरानी रात हुई है। आओ क़रीब तुम तूफ़ानी रात हुई है। ज़ागी हुई हैं दिल में ख़्वाहिशों की लहरें- आओ क़रीब तुम मस्तानी रात हुई है। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय