मैं नहीं, ये एहसास, ये जज़्बात लिखते हैं तहरीर, ख़ुद-ब-ख़ुद उतर काग़ज़ पर यह गढ़ते हैं तस्वीर। हाथ की लकीरों से ज़्यादा अपने दिल पे ऐतबार, जब से तुम मिले तुम्हीं को ये समझते हैं तक़दीर। मेरी हक़ीक़त तुम हो और तुमसे ही जुड़ी लकीरें, मुश्किल में तुम्हारी मुस्कान से ये ढूँढ़ते हैं तदबीर। सैंकड़ों वाह-वाही से उम्दा तुम्हारे कुछ अल्फ़ाज़, ख़ामोशियों में रिश्तों की ये बाँधे रखते हैं ज़ंजीर। नाम तुम्हारा ही सुनाई दे 'धुन' फिर कोई भी हो, तन्हाई में तुम्हारे ये ख़याल भी लगते हैं कश्मीर। #मेरीहक़ीक़ततुमहो #KKC680 #rzsangeetadhun कोरा काग़ज़ #sangeetapatidar #rzmph #rzmph226 #restzone #rzwotm