मेरा अस्तित्व भी अब अकेले में आया है प्याला मौत का छलका के आया है ख्यालों में अब खौफ सा छाया है खूबसूरत सफ़र में जो सन्नाटा छाया है सांझ सवेर अब घोर अंधेरा आया है सुन ए मुसाफ़िर मेरा मुकाम आया है, खाक हो गई मेरी मलमल की वो रजाई भी जहां छुपा करती थी मेरी तनहाई भी आज अकेला अब गुमनाम हुआ हूं किसको क्या पता मैं अब कौन हुआ हूं ।। by √ammi ©Ammi #पत्थरदिल