एक ऐसा रिश्ता था जो अपनी कहता था और हमारी सुनता था करता था बेहद मुहब्बत हमारे लिए तड़पता था! अब ऐसा रिश्ता है जो अपनी ही कहता है अपनी ही सुनता है हम तड़पते हैं याद में वो अनदेखा करता है!! ©Neeti Srivastava मेरी पहली कविता NJOTO पर