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निग़ाहों में तेरी झलक देखता हूं, हसीनों में सबसे अ

निग़ाहों में तेरी झलक देखता हूं,
हसीनों में सबसे अलग देखता हूं,
अभी तक तुम्हें प्यार करता हूं' मैं '
बस इसी हाल में जीता मरता हूं मैं'।

मेरी जिंदगी का, सहारा हो तुम,
डूबी कश्ती का मेरा, किनारा हो तुम।
बशर ज़िन्दगी ऐसे करता हूं 'मैं'
बस इसी हाल में जीता मरता हूं 'मैं'।

©Anuj Ray
  #aliabhatt 
#बस_एक_आदत_लिखने_की मैं'