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पुरानी याद बनकर नासूर सा चुभता हैं, ये इश्क है जन

पुरानी याद बनकर
 नासूर सा चुभता हैं,
ये इश्क है जनाब,
मरकर भी कहा छूटता हैं...

©Chandrakant R Tiwari "राही"
  #Likho #भटकतेखयालऔरतुम