भटक रहा हूं, खुद की तलाश है बेगैरत यूं, ज्यों फूलों में पलास है बिछड़ कर जीने का अपना ही मज़ा है जिंदा भी ऐसे, जैसे जिंदा लाश है यारों में अब वो यारी नहीं रही कांधों पर बोझ और दिलों में खटास है मैं हारा हूं हर दफा उसे जीतने की खुशी में उसे पा लेने की एक बहुत बड़ी आस है मरते हुए भी यही सोच रहा "रुद्र" कि क्या हुआ मेरा महबूब क्यूं उदास है #शुभांकर #अंदाज_ए_अल्फ़ाज़ #yourquote #yourquotebaba #yourquotedidi #yqdidi #yqbaba #collab Sahani Baleshwar Shubhankar Dubey Best YQ Hindi Quotes Best of YourQuote Poetry